अनोळख्या वाटेवर

Started by Lyrics Swapnil Chatge, August 12, 2014, 01:37:51 PM

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Lyrics Swapnil Chatge

प्रिये,पुन्हा एकदा सोडून गेलीस,
मला त्याच अनोळख्या वाटेवर...
अन् डोळ्यानाही ते जाणवु लागले,
पापण्याची काठ अलगद भिजल्यावर...!!

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© स्वप्नील.
(दि.11-08-2014)
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