भास...तुझा

Started by Lyrics Swapnil Chatge, August 14, 2014, 07:30:18 AM

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Lyrics Swapnil Chatge


डोळ्यात माझ्या रंगलेले स्वप्न तुझे,
स्वप्नात गुफंलेले अधिर मन माझे...
पुन्हा का गं होतात सारखे भास  हे तुझे,
कधी वाटते समोर तर कधी वाटते मागे...
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स्वप्नील चटगे.