* परवाना *

Started by कवी-गणेश साळुंखे, November 18, 2014, 09:53:57 PM

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कवी-गणेश साळुंखे

शम्मा क्या जानेगी
परवानेकी मौहब्बत
राखसे उठता धुवाँ
उसकी मौहब्बतकी शिद्दत...!
कवी-गणेश साळुंखे...!
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Mumbai