आपकी यादो में खुदको सवांरना, अच्छा लगता हैं ।

Started by AKSHAY BHALGAT, January 02, 2015, 03:25:55 PM

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AKSHAY BHALGAT


१. हँसा तो सब देते हे , वो लोग ...... 
    आपकी आंखो से वो , गम के आंसू पिना अच्छा लगता है ...
    आपकी यादो में खुदको सवांरना, अच्छा लगता हैं ।

२. भुल जाते है " राही " , अपनी राह चलते चलते ...
    आपकी बातो मे , वो खुदको भुलाना ... अच्छा लगता है ....
    आपकी यादो में खुदको सवांरना, अच्छा लगता हैं ।

३. छूट जाते है , हाथ भी .. अपनो के , अपनो से ....
    आपके इस दर्द में , हाथ थाम लेना अच्छा  लगता है ....
    आपकी यादो में खुदको सवांरना, अच्छा लगता हैं ।

४. बहाणो - बिन-बहाणो से , खामोश रहना ...।
    आपकी हर बात को , खामोशी से दोहरना अच्छा लगता है ....
    आपकी यादो में खुदको सवांरना, अच्छा लगता हैं ।

५. समझ - ना-समझ तो , अपनी नाराजगी कि बाते है ...
    उस बात मे भी ..., आपको समझना अच्छा लगता है ....
    आपकी यादो में खुदको सवांरना, अच्छा लगता हैं ।

६. मिल जाते ही हमदर्द भी ., इन मंदिर - मज्जिद्दो मे ...,
    तुझमे मेरा खुदा , मेरा दीदार देखना ... अच्छा लगता है ...
    आपकी यादो में खुदको सवांरना, अच्छा लगता हैं ।

    आपकी यादो में खुदको सवांरना, अच्छा लगता हैं । 


अक्षय भळगट  :)