हम आज भी यहाँ मोहब्बत चोरी से करते है....

Started by Shraddha R. Chandangir, January 10, 2015, 01:08:08 AM

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Shraddha R. Chandangir

कीरदार तो अक्सर नकाब में ही रहता है
लोग ईनसान की पेहचान उसकी अदाकारी से करते है।

मजबूरी में खुद्दारी जब जवाब देने लगे
वो अना की निलामी बारी बारी से करते है।

कुछ आस्तिन के साँपो का जहर भी मीठा लगता है,
जो बेईमानी भी बड़ी ईमानदारी से करते है।

ईस सीयासत में कुछ नेता ऐसे भी होंगे
जो मुल्क की सेवा वफादारी से करते है।

जो शायर है, उनका मीजाज अलग है
वो दर्द-ए-दील बयान अपनी शायरी से करते है।

हम हींदुस्तानी है। अपनी तहजीब नही छोडते
हम आज भी यहाँ मोहब्बत चोरी से करते है।
- अनामिका
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