* याद *

Started by कवी-गणेश साळुंखे, February 15, 2015, 09:40:14 AM

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कवी-गणेश साळुंखे

मुझसे नफरत करनेवाले
तु इतना याद रख
जहा लोग मौहब्बतको
नही भुला पाते
तो नफरत को
कैसे भुल जाऐंगे
याद तो तुझे
हम आऐंगे हर हालमे
चाहे मौहब्बत से
या नफरत से
पर याद जरुर आऐंगे...!
कवी-गणेश साळुंखे...!
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