कागजके फुल

Started by शिवाजी सांगळे, February 17, 2015, 04:21:03 PM

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शिवाजी सांगळे

कागजके फुल

धुंद में लिपटी
सुबह की ओंसमे
कुछ कलियाेंकाे
सिसकते हुए सुना था !

गुजरते हुए कभी
बदनाम गलीयाेंसे
कागजके फुलाेंकाे
महकते हुए पाया था !

©शिवाजी सांगळे
©शिवाजी सांगळे 🦋papillon
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