"मिलुंगा" (हिंदी)

Started by nitinkumar, February 20, 2015, 02:55:58 PM

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nitinkumar


"मिलुंगा"

तू लाख करे बहाने
फिर भी याँदों में बसाया
जब देखा करीब से तुझे तो
खुदा को शुक्रियाँ बताया

और फिर दिल थाम के
खुदको जताया
के बड़े दिनों बाद
कोई अपना सा पाया

कभी में बन जाऊं फूल
जो गुलदान में सजाया
या बन जाऊं वो ख़्वाब
जो दिल में समाया

कभी बन जाऊं तेरी प्यारी हँसी
और करुँ हर वक्त आया
या फिर, रहूँ बन के
हर वक्त जैसे तेरा साया

क्या में पूंछू?.......

जुदा हो जाएंगे तो नहीं
दिल में है ये अजीब सा सवाल आया
है कुदरत का खेल भी तो अजीब
के हर गुलाब है काटों में आया

अगर टूट जाये ये दिल
तेरे दिल में ना सही, पर
मिलुंगा वही जहा था मै पाया
मिलुंगा वही जहा था मै पाया


- नितीनकुमार