जिसकी यारी हैं मौत से, उसे तकदीर क्या डराएँगी।

Started by Shraddha R. Chandangir, April 30, 2015, 11:50:19 PM

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Shraddha R. Chandangir

बिखरती इन हवाओं को कोई जंजीर क्या डराएँगी
जिसकी यारी हैं मौत से, उसे तकदीर क्या डराएँगी।

जलजला जो आएगा, जहाँ मर्जी दफन हो जाएंगे
होंगी किसी के भी बाप की वो जागीर क्या डराएँगी।

वाकीफ हूँ मैं वक्त की इस बदलती फितरत से
ये धूप-छाँव सी जिंदगी की तस्वीर क्या डराएँगी।

लाख कहाँ हकीकत सें मेरे ख्वाबों को डराएँ
जो मेरे ही खिलाफ थी, मेरे खातिर क्या डराएँगी।
~ अनामिका

जलजला- earthquake
जागीर- property, estate
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Rajesh khakre

तुम है अनामिका पर क्या खूब लिखती हो
पढ़नेवाले के दिल को झकझोर कर देती हो
लिखती है तूम मगर नाम तो लिखती जा कही लिखती नहीं नाम लेकिन दिल छू जाती हो |

(आपली प्रत्येक कविता हृदयाला स्पर्श करुन जाते. खुप छान लिहता तुम्ही.नाव लिहत नाही त्याचे दुःख वाटते पण तुम्ही नाव लिहत नाही हे ही तुमच्या कवितेला आणखीणच वेगळ्या उंचीवर घेऊन जाते.)
---राजेश खाकरे
Mo.7875438494
rajesh.khakre@gmail.com

Shraddha R. Chandangir

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