* टुटा हर ख्वाब *

Started by कवी-गणेश साळुंखे, July 03, 2015, 10:22:03 PM

Previous topic - Next topic

कवी-गणेश साळुंखे

* टुटा हर ख्वाब *
देखो टुटा हर ख्वाब मेरा
ये कैसा है प्यार तेरा
तेरे बिन लगे सब अधुरा
बस दर्द ही लगे मेरा.
कवी-गणेश साळुंखे.
Mob-7715070938