पावसा तू बरस

Started by sanjay limbaji bansode, July 17, 2015, 09:45:05 AM

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sanjay limbaji bansode

खा थोडी तरस
पावसा तू बरस

खोळंबला संसार
नको पेरणी दुबार

ढगा थोडा ओरड
पावसा तू बरस

अरे दुष्काळा
का देतो कळा

दरवर्षी तुझा झळा
फुलूदे कधी मळा

रहा अवंदा दूरच
पावसा तू बरस

कवी- संजय बनसोडे
9819444028