!! एकादश स्तोत्र !!

Started by शिवाजी सांगळे, July 21, 2015, 07:28:23 AM

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शिवाजी सांगळे

!! एकादश स्तोत्र !!

नसे भेदा भेद | भक्तांचिया ठायी
चालतांना पायी | वारी मध्ये...!!१!!

भक्तीभाव नित्य | प्रत्येकाचेे मनी
राहे सदा ध्यानी | पांडुरंग...!!२!!

वैष्णवांचा तांडा | चंद्रभागे तीरी
करीतसे स्वारी | र्दशनाते...!!३!!

अवतरे स्वर्ग | होता भक्त मेळा
किर्तन सोहळा | वाळवंटी...!!४!!

सकलां कैवारी | सावळा तो हरी
उभा विटेवरी | राऊळात...!!५!!

सकळ संपन्न | होता परी वारी
राहे भुक उरी | दर्शनाची...!!६!!

करोनीया प्रण | यावे पुन्हा वारी
फिरे तो माघारी | वारकरी...!!७!!

नेमे वर्षभर | चाले हरिपाठ
असे परिपाठ | भक्ता घरी...!!८!!

नाम ते विठुचे | जप अंतर्मनी
धरोनिया ध्यानी | कामकाजे...!!९!!

व्रत एकादशी | आजीवन धर्म
सर्वश्रेष्ठ कर्म | भक्तां साठी...!!१०!!

स्तोत्र एकादश | शब्द शिव वाणी
विठ्ठले चरणी | समर्पित...!!११!!

© शिवाजी सांगळे
©शिवाजी सांगळे 🦋papillon
संपर्क: +९१ ९५४५९७६५८९