इन्सान

Started by sspatil0017, August 15, 2015, 10:30:44 AM

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sspatil0017

                 + इन्सान  +
जिंदगी भर इन्सानों को स्वार्थ के लिये झगडते देखा,
हमेशा दुसरो की बुराई करते देखा,
सुना था कोई न रहता है अपना इस दुनिया में,
अपने ही छोड जाते है अपनो को श्मशान में.
क्या खता हुई ए खुदा मुझसे,
जख्मी हुआ रस्ते पर कोई पानी तक पुंछने नहीं आया ,
फितरत तो देख ए- खुदा इंसानो की,
जो भी नजदीक आया मेरी मौत की तस्वीर खींच कर चला गया,
तडपता रहा जख्मी शरीर मेरा, महफिल से भरे रस्ते पर सुना था भगवान बसता है इंसानो में, काश कोई आके जिंदगी बचा जाए ,
पिलाये न कोई पानी ही सही, फकत उठा के वैद्य के पास ले जाए,
पता चला मुझे कोई न पास आया जब
जिती जागती इंसानियत हुई शैतान इस दुनिया में , सिर्फ पत्थर बने भगवान
जिती जागती इंसानियत हुई शैतान इस दुनिया में ,
सिर्फ पत्थर बने भगवान तडपता रहा जख्मी शरीर मेरा
आखिर इंसान बना शैतान ,
आखिर इंसान बना शैतान
                                 By
                                     
                        सागर संजय पाटील