* आँखे *

Started by कवी-गणेश साळुंखे, August 22, 2015, 11:03:37 PM

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कवी-गणेश साळुंखे

समंदरसे भी जादा गहराई
तो उसकी आँखोमे थी
हम नजरे हटाते कैसे
डुबने की चाहत जो थी.
कवी-गणेश साळुंखे.
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