* खामोश *

Started by कवी-गणेश साळुंखे, August 24, 2015, 07:24:30 PM

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कवी-गणेश साळुंखे

रहने दो खामोश हमें
हम खामोश ही सही है
दफन है सिनेमे राज तुम्हारे
गर खुल गए लब हमारे
तो बस तबाही ही तबाही है.
कवी-गणेश साळुंखे.
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