* उसे *

Started by कवी-गणेश साळुंखे, September 03, 2015, 06:43:44 PM

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कवी-गणेश साळुंखे

ए दिल-ए-नादान
तु क्युं रोता है
जो तेरा है ही नही
तो क्युं उसके लिए
अपने आँसू बहाता है
वो भुल चुका है
तु भी भुल जा
क्युं उसे याद करता है.
कवी-गणेश साळुंखे.
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