तेरी कहानी

Started by Sachin01 More, September 05, 2015, 09:17:09 PM

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Sachin01 More

जिस्म के लिए कहलाती है राणी
सच बोले तो तु कहलाती पापीणी!
कोई आपबीती ना सही गलती तो बता,
जन्मे इस पृथ्वी पर यहा रीत है न्यारी !
खुद तो भरी है संसार कि प्रीत से,
काश !कोई जीने देता दो पल खुशी से !
पुरुषी अहंकार को क्यु सुनते है लोग,
मेहनत करे तो भी
तुझे दासी कहलाते है लोग !
इन्सानो कि बस्ती तो अन्याय का कोठा है,
हर कोई शोषन का भुकेला है !
ना है फायदा किसी पढाई का ना है इन्सानियत का,
क्यु सह लेती है जानवरो जैसा अन्याय तु !
तु तो रनमैदानो की निडर झाशी की रानी,
लाखो मनो को समानता सिखाने वाले आंबेडकर की जननी,
इस जहाँ की कोमल कली तु
यूँना मुरझा तु दिखाकितनी कठोर तु!
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