* धडकन *

Started by कवी-गणेश साळुंखे, September 15, 2015, 11:10:40 PM

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कवी-गणेश साळुंखे

उनके आनेकी आहट से ही
हमारी धडकन तेज हो जाती है
लेकिन जब वो चले जाते हैं
मानो जैसे धडकन रुकसी जाती है.
कवी - गणेश साळुंखे.
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