कॉलेज की प्रेम कहाणी.....

Started by Ravi Padekar, September 18, 2015, 04:59:21 PM

Previous topic - Next topic

Ravi Padekar

कॉलेज मे देखा, उसे मेंने पहेली बार
पहेली ही दिनसे, उसपे मरने लगा हू यार
फिर लग गये मेरे दोस्त, हम दोनो को मिलाने
एक एक करके गये, उसका Biodata निकालने

हरी भरी आंखे, उसके गोरे गोरे गाल
मूड मूड के ना देख, गोरी तेरी चुनरी संभाल,
छम छम बाजे पायल, उसके खण खण बाजे कंगण,
बारीश देखणे आयी वो घर के बाहर आंगन

Friendship day के दिन हो गई हमारी दोस्ती
मिलजूटकर हम जब, करने लगे मौजमस्ती
एक दुसरे के Help से बढगई हमारी दोस्ती
हमारी दोस्ती देखकर बारीश हमेशा बरसती

एक दिन ऐसा आया, की मेने सामने उसको पाया
क्या उसको बोलू मेरे समझ मे कूछ नाही आया
प्यार का इजहार करने का मेने मौका बडा गवाया
अखिर दिल की बात दिल मे ही रहकर समाई
उसको देखकर दिल दोस्ती मे नजर आया....!!!

                                                     कवि:- रवि सुदाम पाडेकर
                                                      घाटकोपर, मुंबई.
                                                   .  मो.8454843034