==* बिटिया *==

Started by SHASHIKANT SHANDILE, September 30, 2015, 02:55:32 PM

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SHASHIKANT SHANDILE

मुस्कान तेरी ऐ बिटिया
रखु पलको मे छुपाके
तेरे खुशीकी खातीर
ये दुनिया रखु सजाके

तू सपना तुही हकीकत
तुझसेही ये मेरा जहा है
तेरे आनेसे खिला आंगण
तुने बुना खुशीका समा है

ना चाहु चिराग घरका
दिया तो तुही जलायेगी
लडकी होकर तू गुडीया
मेरे सम्मानको बढायेगी

डोली तेरी हसके सजाउंगी
तू ससुरालको महकायेगी
बेटी मुझे यकीन है तुझपर
तू मेरा सर नही झुकायेगी

आंखे नम होगी शादिसे
तेरी बिदाई देखी न जायेगी
बिदा कर तुझे सजन घर
हमेशाही तू याद आयेगी

हमेशाही तू याद आयेगी
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शशीकांत शांडीले (SD), नागपूर
Mo. ९९७५९९५४५०
दि. २९/०९/२०१५
Its Just My Word's

शब्द माझे!