अंत में लीन हो जाऊँगा

Started by Dineshdada, October 05, 2015, 08:23:00 PM

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Dineshdada

में चलता रहूँगा
कर्म अपने आप होगा

में दान करूँगा
धर्म अपने आप होगा

मनो भाव सेवा करूँगा
फल अपने आप मिलेगा

दुसरो को खुश रखूँगा
ना अपने वर्म को भुलूंगा

सच्चे राह पे चलूँगा
सद्गुरु का सिमरन करूँगा

माँ बाप को शरण रहुँगा
परमपिता को पेहेचान लूँगा

संसार करके ही परमारर्थ
करूँगा

गुरु भक्तिको नहीं छोड़ूंगा
नाम उनका जपते रहुँगा


संकटो का बेडा पार करूँगा
गुरु वचन पर चलते रहूँगा

हर आफत को सहते रहूँगा
मोक्ष प्राप्त करके दिखलाऊँगा

धरती पर नाम छोड़आऊँगा
अंत में लिन तो हो जाऊँगा
👉🏻रचनाकार👈🏻
🙏🏻दिनेश पलंगे🙏🏻
7738271854