का सखी दूर तू....?

Started by Ravi Padekar, October 08, 2015, 05:09:02 PM

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Ravi Padekar

स्वप्न तुझे मला
दिसे अंतरी पार तू
माझ्याच नजरेला
का सखी दूर तू...

तू पावसात भिजत असताना
मला ही ओढ तू,,,,
ओल्या अशा पावलांनी
का सखी दूर तू....

मोहक अशा चेहर्‍यावर
माझ ही हास्य तू
डोळ्यावरची आस बनून
का सखी दूर तू....

ऑनलाइन तुझ्या व्हॉटसअप्पमुळे
फक्त शब्दांनी जवळ तू,
तरसलेल्या  भेटीसाठी
का सखी दूर तू....

शेवटची भेट म्हणून
काढले फोटो मी अन तू...
फोटोत प्रतिमा ठेवून,
का राहिली सखी दूर तू....


                                                      कवि:- रवी पाडेकर (8454843034)
                                                      मुंबई, घाटकोपर.  ;) ;) ;)