बताना मुझे नहीं आया तो जताना उसे नहीं आया....

Started by Shraddha R. Chandangir, October 16, 2015, 01:01:20 AM

Previous topic - Next topic

Shraddha R. Chandangir

अधूरी मोहब्बत निभाना आखिर किसे नहीं आया?
बताना मुझे नहीं आया, तो जताना उसे नहीं आया।
.
यूँ तो बिछाए हर तरफ जाल ही जाल थे मोहब्बत के
फसाना मुझे नहीं आया तो छुडाना उसे नहीं आया।
.
चुप्पी में भी जज्बातों की शिकायत बखूबी हुई  लेकिन
सताना मुझे नहीं आया तो मनाना उसे नहीं आया।
.
अपनी अपनी जिंदगी के बस अपने अपने लम्हे
हँसाना मुझे नहीं आया तो रुलाना उसे नहीं आया।
~ अनामिका
[url="http://anamika83.blogspot.in/?m=1"]http://anamika83.blogspot.in/?m=1[/url]
.
[url="https://m.youtube.com/channel/UCdLKGqZoeBNBDUEuTBFPRkw"]https://m.youtube.com/channel/UCdLKGqZoeBNBDUEuTBFPRkw[/url]

संजय बनसोडे

व्वा व्वा
क्या ख़ूब कहाँ हैं आपने !

हमे तो अभीतक प्यार करना नही आया ,

sameer3971

अधूरी मोहब्बात निभाते भी कैसे ए दोस्त,
मुकम्मल करना हमे ना आया और हासिल उन्हे हो ना पाया
जज़्बातों मे शिकायत कहा? वो तो बेखुदी सा दर्द है
द्वा हमे लेने ना आया और मर्ज उनसे हो ना पाया.