* शौक *

Started by कवी-गणेश साळुंखे, October 24, 2015, 12:00:05 PM

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कवी-गणेश साळुंखे

सुना है के उसके शौक बदल चुके हैं
नाजुक से नाजुक चीजे उसे पसंद आती हैं
पहले वो फुलोंसे खेला करती थी
अब वो दिलोंसे खेला करती हैं.
कवी - गणेश साळुंखे.
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