* झलक *

Started by कवी-गणेश साळुंखे, October 27, 2015, 12:17:25 AM

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कवी-गणेश साळुंखे

मत करो तारीफ तुम इतनी
उस दागवाले चाँदकी
क्या देखी है कभी
एक झलक मेरे यार की.
कवी - गणेश साळुंखे.
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