* औकात *

Started by कवी-गणेश साळुंखे, November 08, 2015, 06:49:18 AM

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कवी-गणेश साळुंखे

ये सर कभी खुदा के
दरबार में भी ना झुका
तो तेरी क्या औकात है
जो हम तुझे सजदा करें.
कवी - गणेश साळुंखे.
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