* दस्तक *

Started by कवी-गणेश साळुंखे, November 19, 2015, 10:27:38 PM

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कवी-गणेश साळुंखे

दिल के बंद दरवाजे पर
आज दस्तक दे रहा है कोइ
लगता है जो चला गया था
आज लौट आया है फिर वही.
कवी - गणेश साळुंखे.
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