दंभ भाव

Started by शिवाजी सांगळे, November 21, 2015, 03:16:41 PM

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शिवाजी सांगळे

दंभ भाव

भोंदु ते पुजारी। करितात सोंग
माजवुनी रोग। भक्तीचाही!

लुटारूंसी एैशा। दवोनी उघडे
बघती बापुडे। भक्त गण।।

लुटोनिया पैसा। सापडे ना देव
देवा लागे भाव। मनातला।।

नका देवु पैसा। अपेक्षितो देव
मनातला भाव। तुमच्याच।।

करोनी नागवे। दाविलेत सत्य
उपक्रम स्तुत्य। मनोहरा।।

© शिव 🎭
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