* जान *

Started by कवी-गणेश साळुंखे, November 21, 2015, 08:02:14 PM

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कवी-गणेश साळुंखे

माना के हमें मोहब्बत नही आती
पर हर वक्त तेरी फिकर है लगी रहती
तु आँखों से ओझल हो जाए तो
मानो मेरी जान है निकल जाती.
कवी - गणेश साळुंखे.
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