त्रिवेणी...बूँद बूँद

Started by शिवाजी सांगळे, December 22, 2015, 01:16:46 AM

Previous topic - Next topic

शिवाजी सांगळे

बूँद बूँद

बादल ने पुछा, झीलसे एक दिन
गर मैं, रो दूँ... बूँद बूँद...!

क्या, समेट लोंगे मुझको?

© शिव 🎭

©शिवाजी सांगळे 🦋papillon
संपर्क: +९१ ९५४५९७६५८९