* आया हूँ मैं *

Started by कवी-गणेश साळुंखे, December 22, 2015, 08:04:47 PM

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कवी-गणेश साळुंखे

तुझको तुझसे ही चुराने
देख आया हुँ में
आँखोंसे होते हुए दिलमें
उतरने आया हुँ में.
कवी - गणेश साळुंखे.
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