दुकान

Started by SANJIVANI S. BHATKAR, December 17, 2009, 10:24:20 AM

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SANJIVANI S. BHATKAR

दुकान 





दुकान  तुजे  छान छान   

त्याहून  तू  अधिक  छान   

पण  समान  देताना  तू

ठेवते  सगळ्यांवर  ध्यान 

            मालाची  किंमत  आहे  जास्त 

            त्यावर  सरकारने  लावला  कर  मस्त 

            ठेवला  त्यावर  बंदोबस्त       

            त्याहून गीराहेक झाले   त्रस्त 

माल  आहे  स्वस्त 

त्यासाठी  केले  होते  कष्ट 

पण  गीराहेकाने  समान  केले  नष्ट 

गीराहेक  झाले  धस्त 

            दुकानावर  आहे  वाणी

            तो  झाला  मालाचा  धनी







सौ  . संजीवनी  संजय  भाटकर






Mayoor

दुकान  तुजे  छान छान   

त्याहून  तू  अधिक  छान
.
.
.
दुकानावर  आहे  वाणी

तो  झाला  मालाचा  धनी


Contradictory Watatay.. ::)