* आँखोंके सामने *

Started by कवी-गणेश साळुंखे, January 13, 2016, 12:39:12 PM

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कवी-गणेश साळुंखे

लो आजमालो हमको तुम भी
कोई कसर बाकी ना रखना
सितम पर सितम करते रहना
पर हमेशा आँखोंके सामने ही रहना.
कवी - गणेश साळुंखे.
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