==* बोल सजनी *==

Started by SHASHIKANT SHANDILE, January 14, 2016, 05:55:48 PM

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SHASHIKANT SHANDILE

नयन तेरे क्यू भिगे भिगे
बोल जरा सजनी
क्या है तेरे मनके अंदर
राज वो सारे खोल

बोल सजनी सजनी सजनी
कुछ तो अब तू बोल
दर्द समंदर पिनेसे अच्छा
दर्द तू अपने खोल

रोती हुई तू जचती नही है
बीत गया वो भूल
बोल जरासी मुझसे अपने
दिलके भेद तू खोल

बोल सजनी सजनी ------

पता है तेरे मन मंदिरमे कुछ
उठ रहा है शोर
हसते खेलते इस जीवनमे
जहर अब न घोल

बोल सजनी सजनी ------

क्या हुवा गर सितम कर गई
जिंदगी हर रोज
रो मत पगली संभल तू खुदको
हसके अब तू बोल

बोल सजनी सजनी सजनी
कुछ तो अब तू बोल 
दर्द समंदर पिनेसे अच्छा
दर्द तू अपने खोल
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शशिकांत शांडिले (SD), नागपूर
भ्र.९९७५९९५४५०
दि.१३/०१/२०१६
Its Just My Word's

शब्द माझे!