प्रियकर माझा निराळा

Started by sachinikam, January 25, 2016, 05:56:55 PM

Previous topic - Next topic

sachinikam


प्रियकर माझा निराळा
-----------------------------------[/size]
निर्झर म्हणाला नदीला
लगबगीने कुणाला भेटायला?
प्रियकर माझा निराळा निळा
घाई अंतर दूरचे गाठायला
घेईल कवेत सामावून मजला
मिठीत त्याच्या एकजीव सजला
नाही उरणार माझी मीच
त्याचेच नाव ओळखही त्याचीच.
-----------------------------------
कवी: सचिन निकम
कवितासंग्रह: मुकुटपीस
९८९००१६८२५
sachinikam@gmail.com
-----------------------------------[/size]
https://www.facebook.com/MukutPees/photos/pb.524097061055994.-2207520000.1453724274./524098701055830/?type=3&theater