देशप्रेम

Started by ajeetsrivastav, January 29, 2016, 02:42:25 PM

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ajeetsrivastav

आज रक्त का कतरा कतरा
देश पे हम कुर्बान करे
देशप्रेम मे वशीभूत
हम इस तन का बलिदान करे
अपने प्राणो से बढ़कर हम
इस देश का हम सम्मान करे
हम भारत के है नौजवान
बस देश का ही गुणगान करे
इस देश की मिट्टी है अमृत
जो दुर्बल को चट्टान करे
धन्य भूमि है भारत की
जो छीण को भी बलवान करे
कालीदास महाकवि जो
जग के समक्ष अभिज्ञान धरे
यह देश की ज्ञानधरा हीकरे
अज्ञानी को विद्वान करे
पूरी दुनिया जिससे रोसन
यह प्रकीर्ण वह ज्ञान करे
यदि आर्यावर्त मे जन्मे है
तो फिर क्यू ना अभिमान करे
यदि युद्ध भूमि मे उतरे हम
तो कफन का ही परिधान धरे
दुश्मन के लाशो से फिर
हम युद्धभूमि श्मशान करे
इस देश का है आशीष हमे
हम हर मुश्किल आशान करे
इस भूमि को हम सब नमन करे
जो निर्गुण को गुणवान करे
यह देश की पावन धरती जो
भारत को जगत प्रधान करे
उस आर्यावर्त मे जन्मे है
तो फिर क्यू ना अभिमान करे
हम वीर परम है भारत के
शाहस से जग हैरान करे
शीने फौलादी अपने है
जिससे खुद ही तूफान डरे
वाल्मीकी रामायण से
आदिकवी उपमान धरे
कितनी पावन मिट्टी इसकी
जो पतित का भी उत्थान करे
जग को दिशा दिखाये ये
सिद्ध सदा प्रतिमान करे
औषधि है इसकी वायु मे
जीवन को आयुष्मान करे
अपनी ज्ञानप्रभा देकर
जो दुनिया का अज्ञान हरे
उस आर्यावर्त मे जन्मे है
तो क्यू ना फिर अभिमान करे
यह जन्मभूमि यह कर्मभूमि
सम्मोहनकारी धर्मभूमि
इसकी अखनडता पर हम सब
न्योछावर यह जी जान करे
जगमंगलकारी  है फिर भी
यह तनिक नही अभिमान करे
देशधर्म का पालन ही
भारत का हर इन्शान करे
हर्षित होकर हम सब अपना
अर्पित तन मन और प्रान करे
जगत शिरोमणि भारत है
जिसपर दुनिया ही शान करे
उस आर्यावर्त मे जन्मे है
तो फिर क्यू ना अभिमान करे
   //  अजीत हरिहरपुरी    //