कविता

Started by गणेश खराटे, February 04, 2016, 07:24:15 AM

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गणेश खराटे

कविता म्हणजे काव्य असते
काव्य असून श्राव्य असते

काव्य हे शिवनिर्माल्य असते
कवीच्या मनीचं शल्य असते

काव्य केवळ फुलत नसते
पाषाणहृदयी सलत असते

काव्य सुगंधी फूल असते
काव्य बोचरा शूल असते

काव्य आईची शाल असते
काव्य पेटती मशाल असते

साधता फुलांची ओंजळ असते
अन्यथा शब्दांचा गोंधळ असते

कविता म्हणजे काव्य असते
कवीचं ते अग्निदिव्य असते

                     गणेश खराटे
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