हाँ तेरा वो मुस्कुराना याद है

Started by dhanaji, February 11, 2016, 10:51:45 PM

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dhanaji


हाँ तेरा वो मुस्कुराना याद है,
हौले से नज़रे झुकाना याद है ॥
तेरे चेहरे की कशिश पुरनूर है,
वो तेरा ख्वाबो में आना याद है ॥
संगे अस्वद की तरह तू पाक है,
तेरी चौखट सर झुकाना याद है ॥
जन्नते कुरबान कदमो पर तेरे,
घुँघरूओ का झन- झनाना याद है ॥
तू रूबाई मीर की, रूमी की है,
तन्हा तन्हा गुन-गुनाना याद है ॥
नरगीसी धुन छू रही दिल को मेरे,
वो तेरा दिलकश तराना याद है ॥
कल शहर में दौरे चर्चा खूब थी,
तेरा मेरा जिक्र आना याद है ॥
अब नही रंगत ना शमा में शुरूर,
फिर भी हर लम्हा पुराना याद है ॥
वक्त है, हर वक्त बदलेगा जरूर,
जो ना बदला वो ज़माना याद है ॥
तेरे चेहरे की कशिश पुरनूर है,
वो तेरा ख्वाबो में आना याद है ॥
अमित तिवारी