म्याडम जी...

Started by Ankush S. Navghare, Palghar, February 16, 2016, 06:05:46 PM

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Ankush S. Navghare, Palghar

क्या बाल है आपके
क्या आपकी भोवे है
हम तो बस इन्हीमे
खोये खोये है....
क्या आँखे है आप की
क्या आपकी नज़र है
लगता है जैसे
ग़ालिब की कोई गजल है....
क्या नाक है आपका
क्या आपके गाल है
इन्हें देख देख के हमारा
कबसे बुरा हाल है....
क्या लब्ज़ है आपके
क्या आपकी हँसी है
शायद इसी में हमारी
ये जिंदगी फसी है....
क्या खूबसूरती है आपकी
और अलग ही अदा है
इसिपे तो हम
जाने कबसे फ़िदा है....
क्या खुशबु है म्याडम जी आप की
इक अलग ही नशा है....
रहोगी हमारे साथ सदा
बस यही इक आशा है
बस यही इक आशा है...
... आदाब...
अंकुश नवघरे
दी.१६.०२.२०१६..
समय. ५.४९ दोपहर.