मदोन्मत

Started by विक्रांत, March 06, 2016, 11:12:23 PM

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विक्रांत

निरार्थ वाद | उथळ संवाद
शब्दात मद | साचलेला ||
मिळाली दैवाने | थोरली भाकरी |
परी शिरजोरी | डोईजड ||
माजले हे तण | वाढे बेगुमान |
मनात रोवून | बीज साऱ्या ||
लायकी वाचून | नाचती सोंगाडे |
तया पाया पडे | मिंधेराजे ||
तुझे माझे बळ | शेवटी केवळ |
पुष्ट वळवळ | गांडूळाची ||
पांढरी कॉलर | घाबरे मळाला ||
ऐकुनी नावाला | थोर थोर ||
अहाहा चालला | काय हा खेळ |
बाजार केवळ  | खिसे भरू ||
झाकले डोळे | घातला गॉगल |
विक्रांता पडळ | नयनाला  ||

विक्रांत प्रभाकर तिकोणे

http://kavitesathikavita.blogspot.in