==* हर वक़्त तेरी इबादत थी...*== (गजल)

Started by SHASHIKANT SHANDILE, March 08, 2016, 04:02:29 PM

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SHASHIKANT SHANDILE

हर वक़्त तेरी इबादत थी!
गुनाहों की बस ज़मानत थी!!१

अब जाकर मुझे सुकूँ मिला!
पहले तो उनकी हुकूमत थी!!२

एक तेरी ही आहट थी!
ज्यादा कुछ न चाहत थी!!३

मेरे ख़्वाबों में बस तुम हो!
तेरी ही बस जरुरत थी!४

किस्मत की बदमाशी थी!
तुझसे दिलको राहत थी!!५

उनके होठों पर नाम हमारा है!
पूरी हुई जो मेरी "हसरत" थी!!६

हट गई जो काली परछाई थी!
किस्मत से क्यों शिकायत थी!!७

ना ज़ाने क्यों "शशि" तड़पता था!
जाने क्यू ये इतनी "ज़हमत" थी!!८
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शशिकांत शांडिले, नागपुर
भ्र. ९९७५९९५४५०
Its Just My Word's

शब्द माझे!