==* तुही जिंदगी *==

Started by SHASHIKANT SHANDILE, March 11, 2016, 03:45:05 PM

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SHASHIKANT SHANDILE

तू छोड़ दे तेरी अधूरी मोहोब्बत
मै मेरी मोहोब्बत युही निभाता हु
बेवफाईको तेरे वफ़ा जानकार मै 
हसकर गमको गले से लगाता हु

गुजरे जमाने जो संगतमें तेरे
लम्होंको सारे दिलमे बसाता हु
छूटी अधूरी मंजिल जो मेरी
मंजिलको मेरे मै भूल जाता हु

फ़िक्र न कर तू मेरे चाहतो की
चाहत को मेरे दिलमे दबाता हु
भुलादे यकिनन मोहोब्बतको मेरे
यादो में तेरे जिंदगी बिताता हु

नही फासले कोई दरमियाँ हमारे
फासलोंको सारे मै हि मिटाता हु
तुझे भूलना शायद हो जाये मुश्किल
तुझे ही मै अपनी जिंदगी बनाता हु

तुझे ही मै अपनी जिंदगी बनाता हु
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शशिकांत शांडिले, नागपुर
भ्र.९९७५९९५४५०
Its Just My Word's

शब्द माझे!