* कलयुग *

Started by कवी-गणेश साळुंखे, March 18, 2016, 07:26:59 AM

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कवी-गणेश साळुंखे

ना भलाई करो ना बुराई करो
बस वक्त के साथ समझौता करो
क्योंकि यह कलयुग हैं बाबु
जो भी करो सोच-समझकर करो.
कवी - गणेश साळुंखे.
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