सभी को होली की ढेरो बधाई *शुभ होली* कान्हा ना रंगयो ...........

Started by SHASHIKANT SHANDILE, March 23, 2016, 10:50:24 AM

Previous topic - Next topic

SHASHIKANT SHANDILE

रंगभरी पिचकारी कान्हा ना रंगयो मोहे ना रंगयो
मेरी चुनर ना रंगयो कान्हा ना रंगयो मोहे ना रंगयो

तोहे न कोई लाज लज्जा रे कान्हा
गोपियन के पीछे तू क्यू भागत है
मैया यशोदा तेरा लाडला मोहे छेडत है
मै कैसे बचाउ मेरी लाल चुनरिया
मै कैसे बचाउ मेरी लाल चुनरिया कान्हा मोहे छेडत है

मेरी चुनर ना रंगयो कान्हा  ....................

किधर मै जाऊ अपनी लाल चुनर बचाऊ
आज कान्हा न मानत है रंग लेके भागत है
कोई तो रोकलो मै ने अभी रंग निकाले है
अब न करू मै बात इससे कभी
अब न करू मै बात इससे कभी कान्हा मोहे छेड़त है

मेरी चुनर ना रंगयो कान्हा  ....................

हर होली यही शरारत राधा कान्हा की मूरत
जाए कहा गोपिया रंगो से सजा वृंदावन
रंग जरा खेलु मै भी काहे कान्हा रोवत है
अब ऐसे क्यू रूठा वो मुझसे
अब ऐसे क्यू रूठा वो मुझसे कान्हा क्यू न मोहे छेड़त है

मेरी चुनर ना रंगयो कान्हा  ....................
रंगभरी पिचकारी कान्हा ना रंगयो मोहे ना रंगयो
मेरी चुनर ना रंगयो कान्हा ना रंगयो मोहे ना रंगयो
------------------------//**--
गीत
शशिकांत शांडिले, नागपुर
भ्र. ९९७५९९५४५०
Its Just My Word's

शब्द माझे!