==* वक्त और हालात *== (गजल)

Started by SHASHIKANT SHANDILE, March 30, 2016, 01:26:07 PM

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SHASHIKANT SHANDILE

वक्त और हालात भी मजबूर होते है
देखो जो सपने तो चकनाचूर होते है

दोष तो दे भी देता किस्मत को मगर
तक़दीर के पन्ने भी बेकसूर होते है

दिल तो भर चूका है जिंदगी से मेरा
अक्सर जख्म-ए-दिल नासूर होते है

मंजिल तो होती ही है खूबसूरत मगर
मंजिल के रास्ते भी जरा दूर होते है

लढ लेता "शशि" जमाने से भी मगर
उसके फैसले भी सबको मंजूर होते है
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शशिकांत शांडिले, नागपूर
भ्र. ९९७५९९५४५०
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