==* समझौता *==

Started by SHASHIKANT SHANDILE, April 11, 2016, 11:24:58 AM

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SHASHIKANT SHANDILE

हक नही मुस्कुराने का
               मगर मुस्कुरा लेता है
अपने ही सपनो को वो
               ऊजाड़ कर जी लेता है

न कर यकीं इस चेहरे पर
               ये चेहरा तो दगा देता है
दिख रहा जो सच नही
               सच भी बेवफा होता है

समझ न पाया खुदको
               हकीकत या तमाशा है
अब तो दिल भी हार चूका
               हकीकत को अपनाना है

शशि का क्या है यारो
               जो है बस वही जी रहा है
क्या शिकायत जिंदगी से
               समझौता कर लिया है
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✍शशिकांत शांडिले, नागपूर 
भ्र. ९९७५९९५४५०
Its Just My Word's

शब्द माझे!