झुकता हूँ तेरे पाँव में माँ..!

Started by Rajesh khakre, April 23, 2016, 07:53:44 AM

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Rajesh khakre

झुकता हूँ तेरे पाँव में माँ हर बार गर्व महसूस होता है
तेरे जैसा प्यार इस जहाँ में कोई और न देता है

तेरा प्यार ही जग में फ़क़त निस्वार्थ होता है
हर रिश्तेसे यहा पर स्वार्थ की बदबू आती है

दुनिया के इस चक्रव्यूह में जब चक्कर खाता हु
सच कहु ये माँ मैं तेरा प्यार महसूस करता हूँ

भगवान् और एक माँ ये दोनों ना आजतक बदले है
ना जाने स्वार्थ देखकर लोगो ने कितने लिबास पहने है

ठोकरे खाकर ही यहाँ सच का पता चलता हैं
नही तो सुख में यहाँ हर कोई अपना लगता है

शुक्रियाँ तो उनका ही कीजिये जिन्होंने अवकात दिखाई है
जीवन की सच्चाई तो उन्होंने ही बेहतर सिखाई है
©राजेश खाकरे
Mo.7875438494
rajesh.khakre@gmail.com


raj reddy

प्रत्येकाला एक प्रियसी असावी,
कधी वाटल तर तिच्यासमोर मन मोकळ करायला..
माझ्या मते प्रेमामध्ये प्रत्येकाला वेदना मिळाव्यात.
आयुष्य सुधारवायला.....
९१५८३४२२११