माँ तुमसा कोई नहीं

Started by Vedanti, June 23, 2016, 05:02:08 PM

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Vedanti

कोई नही माँ तुमसा कही,
जिंदगी मिली मुझे तुमसे तो ही।

तुझमे बसी है हर खुशी मेरी,
राहत मिले मुस्कान से तेरी।

देखके मिलता है दिलको सुकूँ,
आँचल में तेरे छिपकर रहूँ।

बात करके तुझसे, मुश्किले होती कम,
तेरी प्यारीसी फूंक से, दर्द सारे होतेेे नम।

तीरथ तो है तेरे चरणोंमें ही,
दुनिया ढूँढ रही है कही औरही।

तेरा तो बस यही है कहना,
प्यार ही प्यार बाँटते चलना।

माँ तू ही है सबसे बढ़कर,
राह दिखाएँ जो दिप बनकर।

चलती है दुनिया तुमसेही,
जगमगाओ माँ तुम ऐसीेही।

वेदांती
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