==* मेरी मोहोब्बत *==

Started by SHASHIKANT SHANDILE, June 27, 2016, 12:51:16 PM

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SHASHIKANT SHANDILE

माना की हसीं वहम है मोहोब्बत
मगर बड़ी ही बेरहम है मोहोब्बत
चाहते भी क्या थी इस नादाँ दिलकी
वफ़ा में जो पाया जख्म है मोहोब्बत

चाहो भी शिद्दतसे अगर किसीको
पालो अगर तो मरहम है मोहोब्बत
हर एक की तक़दीर में नही होती
हो तो रहमत-ए-करम है मोहोब्बत

हम तो है ही जिंदा उनकी यादों में
हम कब कहे की कम है मोहोब्बत
उनको रुलाने की सोच भी न पाये
दी गई हमारी ये कसम है मोहोब्बत

गर जी सके वो तो शौक से जिले
जुदाई में हासील गम है मोहोब्बत
हम तो करेंगे इंतजार ताउम्र उनका
गर वो आये तो संगम है मोहोब्बत
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शशिकांत शांडिले, नागपुर
भ्र.९९७५९९५४५०
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शब्द माझे!

Shrikant R. Deshmane

श्रीकांत रा. देशमाने.

[ कविता म्हणजे कागद,
लेखणी अन् तू... ]

SHASHIKANT SHANDILE

धन्यवाद श्रीकांतजी !
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शब्द माझे!