वो

Started by k.suhas, September 24, 2016, 02:35:34 PM

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k.suhas

कभी दिल , कभी दिमाग, कभी नजर मे रहती  है
वो मुसाफिर कि तरह मेरे हर सफर मे रहती  है
बेखबर है  जो हर गली हर शहर मे धुंडते है उसे
कोई बता दे उन्हे कि वो घर नही मेरे गजल मे रहती  है  ....
प्रा.सुहास काकडे
9272321306
suhas.kakde@gmail.com